प्रात: समये उठी करिये श्री लक्ष्मणसुत गुणगान
प्रगट भये श्रीवल्लभ प्रभु देत भक्ति दान...१
श्रीविट्ठलेश महाप्रभु के रूप के निधान,
श्रीगिरिधर श्रीगिरिधर उदय भयो भान...२
श्रीगोविंद आनंदकंद कहा बरनों गुनगान,
श्रीबालकृष्ण बालकेलि रूप ही सुहान...३
श्रीगोकुलनाथ प्रकट कियो मारग बखान,
श्रीरघुनाथलाल देखि मन्मथ ही लजान...४
श्रीयदुनाथ महाप्रभु पूरन भगवान,
श्रीघनश्याम पूरनकाम पोथीमें ध्यान...५
पांडुरंग श्रीविट्ठलेश करत वेदगान,
'परमानंद' निरख लीला थके सुर विमान...६
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