top of page
Search

व्रज - वैशाख कृष्ण अमावस्या

Writer's picture: Reshma ChinaiReshma Chinai

व्रज - वैशाख कृष्ण अमावस्या

Tuesday, 11 May 2021


नियम के श्रृंगार के अलावा अन्य खाली दिनों में ऐच्छिक श्रृंगार धराया जाता है.

ऐच्छिक श्रृंगार प्रभु श्री गोवर्धनधरण की इच्छा, ऋतु की अनुकूलता, ऐच्छिक श्रृंगारों की उपलब्धता, पूज्य श्री ति

लकायत की आज्ञा एवं मुखिया जी के स्व-विवेक के आधार पर धराया जाता है.


मेरी जानकारी के अनुसार आज श्रीजी को केसरी धोती-पटका एवं छज्जेदार पाग का श्रृंगार धराया जायेगा.


राजभोग दर्शन –


कीर्तन : (राग – सारंग)


आंगन खेलिये झनक मनक ।

लरिका यूथ संग मनमोहन बालक ननक ननक ।।१।।

पैया लागो पर घर जावो छांडो खनक खनक ।

परमानंद कहत नंदरानीबानिक तनक तनक ।।२।।


साज – आज श्रीजी में केसरी रंग की मलमल की, रुपहली ज़री की तुईलैस की किनारी के हांशिया से सुसज्जित पिछवाई धरायी जाती है.

गादी, तकिया एवं चरणचौकी पर सफ़ेद बिछावट की जाती हे.


वस्त्र – आज श्रीजी को केसरी मलमल की धोती एवं राजशाही पटका धराया जाता है. दोनों वस्त्र रुपहली ज़री की किनारी से सुसज्जित होते हैं. ठाड़े वस्त्र हारे रंग के धराये जाते हैं.


श्रृंगार – आज प्रभु को छोटा (कमर तक) हल्का श्रृंगार धराया जाता है. माणक के सर्व आभरण धराये जाते हैं.

श्रीमस्तक पर केसरी मलमल की छज्जेदार पाग के ऊपर सिरपैंच, लूम, क़तरा एवं बायीं ओर शीशफूल धराये जाते हैं. श्रीकर्ण में एक जोड़ी कर्णफूल धराये जाते हैं.

श्वेत एवं गुलाबी पुष्पों की दो सुन्दर मालाजी धरायी जाती हैं.

श्रीहस्त में पुष्पछड़ी, लाल मीना के वेणुजी तथा एक वेत्रजी धराये जाते हैं.

पट केसरी व गोटी मीना की आती है.

2 views0 comments

Commentaires


© 2020 by Pushti Saaj Shringar.

bottom of page