top of page
Search

व्रज - वैशाख कृष्ण अष्टमी

Writer's picture: Reshma ChinaiReshma Chinai

व्रज - वैशाख कृष्ण अष्टमी

Tuesday, 04 May 2021


नियम के श्रृंगार के अलावा अन्य खाली दिनों में ऐच्छिक श्रृंगार धराया जाता है.

ऐच्छिक श्रृंगार प्रभु श्री गोवर्धनधरण की इच्छा, ऋतु की अनुकूलता, ऐच्छिक श्रृंगारों की उपलब्धता, पूज्य श्री तिलकायत की आज्ञा एवं मुखिया जी के स्व-विवेक के आधार पर धराया जाता है.


मेरी जानकारी के अनुसार आज श्रीजी को लाल रंग की चौफूली चूंदड़ी के चाकदार वागा पर रूपहरी ज़री की तुईलैस की किनारी से सुसज्जित सूथन, चोली एवं ग्वालपगा का श्रृंगार धराया जायेगा.


राजभोग दर्शन –


कीर्तन – (राग : सारंग)


श्रीलक्ष्मणगृह महामंगल भयो प्रगटे श्री वल्लभ पूरणकाम l

माधवमास कृष्णपक्ष शुभलग्न उदित एकादशी दूसरोयाम ll 1 ll

मंगल कलश चौक मोतिन के विविध विचित्र चित्र बने धाम l

मंगल गावत मुदित मानिनी नखसिख रूप कामसी वाम ll 2 ll

मिट्यो तिमिर दुःख द्वंद जगतको भोर भयो मानो मिट गई याम l

'माणिकचंद' प्रभु सदा बिराजो आय बसो श्री गोकुल गाम ll 3 ll


साज – श्रीजी में आज लाल रंग की चौफूली चूंदड़ी की रुपहली ज़री की तुईलैस की किनारी के हांशिया से सुसज्जित पिछवाई धरायी जाती है. गादी, तकिया एवं चरणचौकी पर सफ़ेद बिछावट की जाती है.


वस्त्र – आज प्रभु को लाल रंग की चौफूली चूंदड़ी का सूथन, चोली के चाकदार वागा धराये जाते हैं. सभी वस्त्र रुपहली ज़री की तुईलैस की किनारी से सुसज्जित होते हैं. ठाड़े वस्त्र सूवापंखी (तोते के पंख जैसे हल्के हरे रंग) रंग के धराये जाते हैं.


श्रृंगार – प्रभु को आज छोटा (कमर तक) हल्का श्रृंगार धराया जाता है. हरे मीना के सर्व आभरण धराये जाते हैं.

श्रीमस्तक पर लाल रंग के ग्वाल पगा पर सिरपैंच, पगा चंद्रिका एवं बायीं ओर शीशफूल धराया जाता है.

श्रीकर्ण में लोलकबिंदी धराये जाते हैं.

कमल माला धरायी जाती हैं.

गुलाबी गुलाब के पुष्पों की दो सुन्दर मालाजी धरायी जाती हैं.

श्रीहस्त में पुष्पछड़ी, चाँदी के वेणुजी एवं एक वेत्रजी धराये जाते हैं.

पट लाल एवं गोटी बाघ-बकरी की धरायी जाती हैं.


1 view0 comments

Comments


© 2020 by Pushti Saaj Shringar.

bottom of page