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वैष्णव इसलिये गले में तुलसी की कण्ठी धारण करते हैं ?

Writer's picture: Reshma ChinaiReshma Chinai

वैष्णव इसलिये गले में तुलसी की कण्ठी धारण करते हैं ?


ये शरीर भोग के लिये नहीं है, यह शरीर भगवान् को अर्पण हो गया। जिस वस्तु में आप तुलसी-पत्र रखते हो, वह कृष्णार्पण हो जाती है।

तुलसी-पत्र के बिना भगवान् स्वीकार नहीं करते। गले में तुलसी की माला धारण करने का अर्थ यह है कि यह शरीर अब भगवान् को अर्पण हुआ है। शरीर भगवान् का है, शरीर भगवान् के लिये। शरीर अब भोग के लिये नहीं है।


इसलिये बहुत-से लोग गले में तुलसी की कंठी धारण करते हैं


जय श्री कृष्णा


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