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व्रज - फाल्गुन शुक्ल द्वादशी

Writer's picture: Reshma ChinaiReshma Chinai

व्रज - फाल्गुन शुक्ल द्वादशी

Thursday, 21 March 2024


आवत लाल गुपाल लिये सूने,

मग मिली इक नार नवीनी।

त्यौं 'रसखानि' लगाई हिय भट् ,

मौज कियौ मनमांहि अधीनी।।

सारी फटी सुकुमारी हटी अंगिया ,

दरकी सरकी रंगभीनी।

गाल गुलाल लगाइ कै अंक ,

रिझाई बिदा कर दीनी।।



आप (तिलकायत श्री) के द्वादशी के श्रृंगार

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