top of page
Search

श्री यमुनाजी का नाम कालिंद्री क्यो ?

Writer's picture: Reshma ChinaiReshma Chinai

श्री यमुनाजी का नाम कालिंद्री क्यो ?

–-----------------------------------------

इस बात को समझने से पहले हमें श्री यमुनाजी के दो नामो को समझना पडेगा ।

जब महाप्रभु वल्लभाचार्य जी के पुत्र श्री विट्ठलनाथ जी जिन्हें हम गुसांई जी के नाम से जानते है । उन्होंने जब यमुनाष्टक का अर्थ लिखना प्रारंभ किया तो सर्व प्रथम वे लिखते है ।

विविधलीलोपयोगिनी कालिंदी स्तोतुं कामा श्री गोकुलेशे यदा जीवै नमन अतिरिक्तं न कर्तुम् शक्यम् तथा कालिंदद्याम अपि इत्याश्येन नमनम मेव आदो ।

अर्थ भगवान् श्री गोकुलेश की विविधलीलाओ में श्री कालिंदी जी परम उप्योगिनी है । जिस प्रकार जीव भगवान् को नमन के अतिरिक्त और कुछ नहीं कर सकता उसी प्रकार श्री यमुनाजी को नमन ही किया जा सकता है । इसी कारन यमुनाष्टक में आचार्य चरण सर्व प्रथम नमामि यमुनामहम सकल सिद्धि हेतुं मुदा कहते है ।

कालिंद्री

–--------

प्रस्तुत श्लोक में हम यमुनाजी की वात कर रहे है । परंतु यहाँ श्री गुसांई जी ने यमुनाजी को कालिंद्री कहा है । इस पद का प्रयोग उन्होंने क्यों किया उसका कारण यह है की पहले तो हमें यह समझना चाहिए की ऊपर वताएँ गए वाक्यो से सिद्ध होता है की यमुना और कृष्णा एक ही है । आचार्य चरण कहते है अयं च पुष्टि प्रभो श्री यमुनाया च समानो धर्म ।

41 वे पद में आता है कि ।

कृष्णा तन वर्ण गुण धर्म श्री कृष्णा के

कृष्णा लीलामयी कृष्णा सुख कंदिनी ।सम्पूर्ण यमुनाष्टक में महाप्रभुजी ने कृष्णा और यमुना के सजातीय धर्म का वर्णन किया है । जिस प्रकार कृष्णवतार में श्री कृष्णा धर्म स्वरुप से मथुरा में प्रकट हुए और धर्मी स्वरुप से गोकुल में नन्द यशोदा के यहाँ प्रकटे । उसी प्रकार कालिंद पर्वत पर पधारने से आपका नाम कालिंदी पड़ा । और गोलोकधाम से धर्मी स्वरुप सेवृजमण्डल में पधारी और यमुना कहलायी ।

घनीभूत रसात्मा हि जातो नन्द गृहे हरी केवलो धर्म युक्तस्तु वसुदेव गृहे सदा

नारायनस्य हृदयास्य शुद्ध सत्व स्वरूपतः प्रादुरासीन मूल रूप पुष्टि लीला प्रसिद्धये

महर्षि वसिष्ठ जी के वचन है की सूर्यनारायण भगवान् अपनी पुत्री श्री यमुनाजी को वात्सल्य भाव के कारण अपने साथ में ही रखते थे और एक दिन कालिंद पर्वत ने उनसे प्रार्थना की जब आप पृथ्वी लोक में पधारो तब मेरे मस्तक पर पग रखकर पधारना इस कारण से तीनो लोको में आपका नाम कालिंदी ऐसा विख्यात होगा ।


1 view0 comments

Comments


© 2020 by Pushti Saaj Shringar.

bottom of page